Top हल्दी का नियमित सेवन करने के फायदे Secrets

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आपकी सारी पाचन सम्बन्धी समस्याएं हल्दी दूध पीने से दूर की जा सकती हैं इसलिए इसे भारतीय रसोई के सबसे महत्त्वपूर्ण मसालों की श्रेणी में रखा गया है। इससे पेट में गैस की समस्या, पाचन में गड़बड़, पेट में सूजन आदि की समस्यें दूर हो जाती हैं।

हाँ, विशेषज्ञों के अनुसार हल्दी का सेवन इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है। सर्दियों के मौसम में या फिर मौसम में बदलाव के दौरान अक्सर हम लोग जल्दी -जल्दी बीमार पड़ जाते है और हमें ठीक होने में भी समय लगता है। वास्तव में इम्यूनिटी का कमजोर होना ही इसका मुख्य कारण है। इसलिए सर्दियों के मौसम में या मौसम में बदलाव के दौरान अपने खानपान में हल्दी ज़रूर शामिल करें।

● अगर आपकी किमोथेरेपी चालू है । तो हल्दी का उपयोग से बचना चाहिए ।

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चाहें तो पानी में हल्दी पाउडर के साथ शहद, नींबू और काली मिर्च मिलाकर ड्रिंक बनाकर पिएं। यह काफी फायदेमंद है। 

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हालांकि हल्दी दर्द से संबंधित अवधियों को कम करता है, लेकिन यह एक गर्भाशय उत्तेजक है जो मासिक धर्म के निर्वहन के मुक्त प्रवाह को बढ़ावा देता है। इस कारण से, गर्भावस्था के दौरान चिकित्सीय खुराक लेते समय हल्दी से बचा जाना चाहिए।

हल्दी एक जड़ी-बूटी है। इसका इस्तेमाल मसालों के रुप में प्रमुखता से किया जाता है। हिंदू धर्म में पूजा में या कोई भी शुभ काम करते समय हल्दी का उपयोग किया जाता है। खाने के अलावा कई तरह की बीमारियों से बचाव में भी हल्दी का उपयोग होता है। इस समय पूरी दुनिया में हल्दी के गुणों पर रिसर्च चल रहे हैं और कई रिसर्च आयुर्वेद में बताए गुणों कि पुष्टि करते हैं।

हल्दी दूध खून को पतला कर देता है जिससे इसका बहाव सुधर जाता है इसलिए ये माइग्रेन और अत्यधिक सरदर्द की समस्या को दूर कर देता है क्योंकि इससे रक्तचाप बेहतर हो जाता है। इसी कारण से माइग्रेन और सरदर्द से ग्रस्त लोग नियमित हल्दी दूध का सेवन करते हैं।

इससे आपका शरीर भी सेहतमंद रहेगा और आपका दिल भी सलामत रहेगा.

दो चम्मच पिसे हुए आंवले में एक चम्मच हल्दी को गर्म पानी के साथ सेवन करने से रक्त साफ होता है। 

बवासीर के मरीजों के लिए हल्दी बहुत ही कारगर है। अगर किसी को कब्ज की शिकायत है Source तो उसे तुरंत ही हल्दी वाला दूध पानी शुरू कर देना चाहिए। बवासीर की समस्या में हल्दी और देसी घी का मिश्रण अपने गुदा के हिस्से पर या अपनी बवासीर वाली जगह पर नियमित तरीके से लगाएं। इससे बवासीर की समस्या भी खत्म हो जाती है।

• हल्दी को पीसकर घी में मिलाकर घाव पर लगाने के लिए उपयोग किया जाता है।

हल्दी के दूध को कभी कभी स्वर्ण दूध के नाम से भी संबोधित किया जाता है। यह दूध और हल्दी पाउडर का मिश्रण होता है। इसे घरों में अनेक प्रकार से प्रयोग किया जाता है। ये खाने में इस्तेमाल होता है, औषधि की तरह इस्तेमाल होता है और यहाँ तक कि इसे सौंदर्य प्रसाधनों में भी उपयोगी पाया गया है। ये स्वाद में अच्छा होता है और इसका तीखापन दूध में डालने से खत्म हो जाता है।

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